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Showing posts from 2015

उम्मीद तो रखे पर दबाव ना डालें...!!

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अपनी ही कलम से पंकज झाँ किसी शहर में एक महिला थी... वह शादीशुदा थी और उसकी 16 साल की एक बच्ची भी थी. उसके पति दूसरे शहर में नौकरी करते थे. वह महिला बिलकुल आम अभिभावकों की तरह थी उसने अपनी बेटी से बड़ी उम्मीदें लगा रखी थी और बेटी की छोटी सी गलती भी उससे बर्दाश्त नहीं होती थी. जब बेटी की परीक्षाएं चल रही थी तब माँ ने उसे ताकीद कर दी थी उसे मेरिट लिस्ट में आना ही हैं. मेरिट से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा, यहाँ तक की प्रथम श्रेणी भी फ़ैल होने की तरह मानी जाएगी. लड़की मेधावी थी लेकिन थी तो किशोरी ही. जब उम्मीदों का दबाव बढ़ा तो वह परेशान हो गयी. जैसे तैसे परीक्षाएं ख़त्म हुई और अब रिजल्ट का इंतज़ार होने लगा. आखिर वह दिन आ ही गया. माँ की उम्मीद शिखर पे थी लेकिन बेटी का हौसला रसातल में जा पहुंचा था. माँ को सुबह सुबह काम पर जाना था सो बेटी रिजल्ट लेने गयी और माँ अपने ऑफिस. ऑफिस से उसने कई बार घर पर फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. हैरान परेशान माँ भोजन अवकाश में घर पहुंची. उसने देखा की दरवाजे की कुण्डी चढ़ी हुई थी. उसे लगा की बेटी अपनी सहेलियों के साथ घूम फिर रही होग

सिगरेट मेरा कफ़न

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चरस मेरी जिं दगी और सिगरे ट मेरा कफ़न जिस मिट्टी से बनी चिलम... उसी मिट्टी में दफ़न, सुट्टे उड़ा ले, ज़िन्दगी के मज़े उड़ा ले, मर गया तो कब्र के हवाले, फिर कौन बोलेगा.... उठ यार एक कस और लगा ले...

पानी की हर "बूंद " का सम्मान करें...

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पानी की हर " बूंद " का सम्मान करें... चाहे वो " आसमान " से टपके या "आँखों" से...

लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं

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इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता.... . . लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने के लिए...!!!

सूनी रही दिवाली इस बार भी।

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चरागों के.. रौशनी के.. l आतिशों के मायने क्या थे। तेरा दीदार ना हुवा इस बार भी....... बड़ी सूनी रही दिवाली इस बार भी। ||°_23-12-2015_Wed_°||

बड़ी बेवफा ह ये घडी भी...

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बड़ी बेवफा हो जाती ह ग़ालिब... ये घडी भी सर्दियों में... 5 min और सोने की सोचो तो... 3 0min आगे बढ़ जाती ह....        °●पंकज●°

♥दिल ने मानी नहीं मेरी♥

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Dedicated to *vini* दिल ने मानी ही नहीं मेरी.... वरना, मैं तुम्हे भूलने के हक़ में था....

★स्कूल ही वो जगह ह...!!★

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स्कूल ही वो जगह ह......... जहा इंसान पहली बार आने में जितना रोता ह। उतना ही आ खरी बार निकलने पर उससे कई गुना रोता ह।

★इक रोज★

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उसने ही दिल चुराया था इक रोज मुझको दिवाना बनाया था इक रोज नजरो का तीर चलाया था इक रोज उसने ही तो भाइयोँ से पिटवाया था इक रोज फिर खुद ही आकर होले होले मरहम लगाया था इक रोज* साँस भी रुक-रुक के चलती थी उसके सामनेआने से मेरी साँसो पे उसने क्या जादु चलाया था इक रोज मोहब्बत मे डुबाया था इक रोज मैनेँ उसका प्यार पाया था इक रोज उसने ही तो ठुकराया था इक रोज उसने ही तो अपने हाथो से चेहरा छुपाया था इक रोज जुल्फो का बादल हटाया था इक रोज उसने ही तो सिकायतो का ढेर लगाया था इक रोज और खुद ही आँसुओ का समन्दर बहाया था इक रोज मुझको बहुत तडपाया था इक रोज उसने ही तो मुझे ठुकराया था इक रोज कमियाँ शायद मुझमे पाया था इक रोज क मैनेँ भी उसके जाने के बाद आँसु खुब बहाया था इक रोज कुछ हासिल न हो पाया था इक रोज उसने ही तो मैखाना दिखाया था इक रोज अपने हाथो सेँ बस इक घुट पिलायाँ था इक रोज उसने ही दर्द कम करने का सलिका मैखाना ही बताया था इक रोज अब तो डर लगता है क्योकिँ मैने बार- बार इक ही शक्स से दर्द खाया था इक रोज कभी-कभी जख्म हो जाते है हरे जिस जख्म को सिद्दत से दफनाया था इक रोज अब

★...मुझे ये ज्ञान नहीं...★

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मुझे ये ज्ञान नहीं है..!! कि लोगों को मैं कैसे खुश रखू... लेकिन एक बात मेरे दिमाग में बिलकुल स्पस्ट है . कि मैं किसी को भी ठेश पहुँचाने के लिए नहीं लिखता हू ...

भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते हैं।

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एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र मेँ अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई। छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सैर करने निकला। आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आया। उसकी नाव पुरी तरह से तहस- नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कुद गया। जब तूफान शांत हुआ तब वह तैरता तैरता एक टापू पर पहुंचा लेकिन वहाँ भी कोई नही था। टापू के चारों ओर समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था। उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिदंगी मेँ किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ..??? उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत से बचाया तो आगे का रास्ता भी भगवान ही बताएगा। धीरे धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा। अब धीरे-धीरे उसकी श्रध्दा टूटने लगी,भगवान पर से उसका विश्वास उठ गया। उसको लगा कि इस दुनिया मेँ भगवान है ही नही। फिर उसने सोचा कि अब पूरी जिंदगी यही इस टापू पर ही बितानी है तो क्यूँ ना एक झोपडी बना लूँ ……?? फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से एक छोटी सी झोपडी बनाई। उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मेँ सोने को मिलेगा आज से बाहर नही सोना

☆हम से कोसो दूर☆

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कल रात चाँद बिलकुल उनके जैसा था वही नूर…..वही गरूर……वही सरूर वही उनकी तरह ......... हमसे कोसो दूर

आज सोचा तो आंसू भर आये...!!

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आज सोचा तो आंसू भर आये...!! मुद्द्ते हो गयी हमे मुश्कराय....

तेरे वादे …. !!!!

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सर्द मौसम में बहुत याद आते हैं, धुँध में लिपटे हुए वादे तेरे ... .!!!!

बुजुर्ग कहते है....

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दिसम्बर आ गया है जरा अपना ख्याल रखना..!! बुजुर्ग कहते है.... सर्दियों में अक्सर चोटें, ज्यादा दर्द देती है..!!

"इन्सान"

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सुखी होने के चक्कर मे... जो पुरी जिंन्दगी दु:खी होता है... उसी का नाम 'इन्सान' है।

For "You"

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लोग दीवाने है बनाबट के , हम सादगी लेकर कहा जाये ।।

Dedicated to ☆♡vini♡☆

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दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता वहीं होता है जहाँ एक हल्की सी मुस्कराहट और छोटी सी माफ़ी से ज़िन्दगी दोबारा पहले जैसी हो जाती है...........

☆एक♡नारी☆

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~जब मैंने जन्म लिया, वहां “एक नारी” थी जिसने मुझे थाम लिया……. || मेरी माँ || ~बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया “एक नारी” वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी…... || मेरी बहन || ~जब मैं स्कूल गया “एक नारी” ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की……. || मेरी शिक्षिका || ~जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब “एक नारी” ने मुझे संभाला …. || मेरी महिला मित्र || ~जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब “एक नारी” हमेशा मेरे साथ थी…... || मेरी पत्नी || ~जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब “एक नारी” ने मेरे व्यवहार को नरम करदिया…... ||मेरी बेटी|| ~जब मैं मरूँगा तब भी “एक नारी” मुझे अपने गोद में समा लेगी…….. || धरती माँ ||- यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें….. और यदि आप महिला हैं, उन में से एक होने पर गर्व करे…

Relate To Human's Life....

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" हुनर " सङको पर तमाशा करता है , और " किस्मत " महलो में राज करती है # Pankaj

Dedicated to ☆♡vini♡☆

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चैन से रहने का हमको यूं मशवरा मत दीजिये, अब मज़ा देने लगी हैं ज़िंदगी की मुश्किलें…!! # Pankaj

Dedicated to ☆♡vini♡☆

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हमने जो की थी, वो मोहब्बत आज भी है, तेरे ज़ुल्फो के सायें की चाहत आज भी है । रात कटती है आज भी ख़यालो मे तेरे, दीवानो सी वो मेरी हालत आज भी है । किसी और के तसवुर को उठती नही, बेईमा आँखों मे थोड़ी सी शराफ़त आज भी है । एक बार चाह के फिर चाहे छोड़ देना तू, एक बार चाह के फिर चाहे छोड़ देना तू, दिल तोड़ जाने की इजाज़त आज भी है.

हमें छोटे में मम्मी ने कहा था...।।

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हमें छोटे में मम्मी ने कहा था...।। भाग्य एक बार साथ देता ह.. परन्तु सुरक्षा*महेनत हमेशा... आज वो बात आज पता चल रही ह...

ज़िन्दगी में एक बात हमेशा याद रखना....

ज़िन्दगी में एक बात हमेशा याद रखना.... ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ›››››गाड़ी चलाते समय दिमाग और शीशा साफ़ रखे.

☆Pankaj♡Sohail☆

          ☆Pankaj♡Sohail☆          ☆अपनी ही कलम से पंकज झां☆                      नमस्कार दोस्तों...     आपसे किया वादा पूरा करने जा रहा हू।।  हाँ, सही तो कहा था।। पापा*मम्मी ने की अपने ही शहर के कॉलेज में दाखिला ले लो.. पर मै तो दूसरी सिटी यानी बाहर किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहता था... हमारी सिटी के कॉलेज भी अच्छे ह। मेरा मतलब मेरा बचपन से शौक रहा की 12वी. के बाद सोचा था। अपनी आगे की सारी पढाई बाहर रह कर करेगे.. शायद मेरे हिसाब से आप लोगो का भी शौक रहा होगा . और अभी कइयो का ह... पर माँ*बाप अपनी औलाद के लिए कभी बुरा नही सोचते... तो मुझे भी लगा की चलिए बाहर होस्टल या रेन्ट से रूम लेकर अकेले रहना पड़ेगा... तो इससे अच्छा यही ह। कि अपने ही शहर के लगभग 15-20 कि.म़ी दूर कॉलेज में दाखिला ले लिया जाय... अभी तो हाल ही के 12वी. PCM 73% के साथ प्रथम क्षेणी पास करके आया था. दाखिला हो चूका था... आज कॉलेज का पहला दिन था। मुझे अपने B.tech (ME) Department के अलावा कुछ जानकारी नही थी। बस से उतरते ही मन में कई सवाल चल रहे थे? बैसे फ़िक्र तो किसी बात की थी नही बस यही सोच र

बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..!

" जल " गया धू - धू करके रावण भी कल रात... शायद उसने भी उसे मेरे साथ देख लिया... । । । बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..! । । । "माना की बहुत कीमती है वक्त तेरा मगर ऐ दोस्त हम भी "नवाब" है बार-बार नही मिलेगे..!! । । । कितना नादान है ये दिल,कैसे समझाऊँ की जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता.... । । । तू मुझे अपना बना या ना बना तेरी मर्जी...! तू जमाने में 'बदनाम' तो मेरे नाम से है...!! । । । अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो, बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते है… । । । जब लगा था "तीर" तब इतना दर्द न हुआ... "दोस्त" जख्म का एहसास तब हुआ जब "कमान" देखी अपनों के हाथो में..!! । । । आखिर थक हार के लौट आया मैं...बाज़ार से...! जब तेरी यादों को बंद करने के ताले नही मिले...!! । । । बदनामी का डर तो उसे होता है...जिसमे नाम कमाने की हिम्मत नही होती... ये अब शायद किसी का न हो पाय... जिसका होना था..उसने निभाया ही ये

कहानी अनजानी सी !

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शीर्षक : " अनजान सा हमसफर " जब मै ऑफिस से लौट रहा था तो मैंने देखा लड़की के लगभग हाथ से छूट चुकी स्कूटी को सभालने की कोशिश कर रही है। देखिये मै भी मानता हू.। लड़का-लड़की एक समान होते ह। लेकिन अभी आपको एक लड़के की मदद ले लेनी चहिए... मै मुश्कारता हुआ लड़की के पीछे खड़ा था.. मेरी बात सुनकर लड़की भी मुश्करा पड़ी।। मैंने झट से स्कूटी उठाया और स्टैंड पर लगा दिया। मैंने कहा- कही जा रही थी क्या आप? आ रही थी कॉलेज से...? लड़की ने कहा... ओह्ह which year...? मैंने दोवारा पूछा? लड़की मुश्कराई और बोली--- all years... जबाब सुनते ही थोडा मै हैरान हुआ? कुछ पूछता इससे पहले.... लड़की बोल पड़ी- प्रोफेसर दीप्ति... डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हू। चाय पीते हैना आप? वो अपने घर का दरवाजा खोलते हुए बोली? वैसे मेरा नाम आप नही है पंकज ह। और मैकेनिकल इंजिनियर को चाय के लिए कभी मना नहीं करते। हँसते हुए मैंने कहा? दरवाजा खुल चुका था। और मै दीप्ति के घर के अन्दर था। दीप्ति का घर किसी लाइब्रेरी से कम नही था चारों तरफ बिखरी किताबें और मेज पर पड़ी बुकमार्

पूरा मोहल्ला बाहर...

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आज कल धूप भी खुबसूरत लड़कियों की तरह हो गयी... जब भी निकलती है... पूरा मोहल्ला बाहर...

आज हम बात करते है "सत्य" की....

#अपनी_ही_कलम_से_पंकज_झा ************************** * ************************** ********** ************************** ********** आज हम बात करते है "सत्य" की, ये सत्य क्या है ? इसका हमारे जीवन पे क्या प्रभाव पड़ता है और किस तरह से सत्य का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करके हम अपने जीवन में जल्द से जल्द सफल हो सकते है। सत्य वो है जो हमेशा हमारे आस-पास घटित होता है लेकिन केवल वो नहीं होता है जो हमें दिखाई देता है, कभी-कभी सत्य को देखने से ज्यादा उसको महसूस किया जाना जरूरी होता है,किसी ने सच ही कहा है कि"आपका भला चाहने वाला, आपसे अच्छी बुरी लगने वाली सब तरह की बातें करता है, पर आपको धोखा देने वाला आपसे केवल अच्छी लगने वाली बातें ही करता है"कहने का मतलब इस दुनिया में आधे से ज्यादा लोग सच को सामने ना लाकर अपने फायदे के लिए सिर्फ दिखावा करते है पर हमें उनके हाव-भाव, व्यवहार और बोल-चाल के ढंग से सच का पता लगाना पड़ता है क्योंकि कोई कितना भी बड़ा झूठ, भले कितनी भी सफाई से क्यों ना बोले लेकिन उससे थोड़ा तर्क वितर्क करके सच्चाई की तह तक लाया जा सकता है, सच

ज़िन्दगी का वो इकलौता सच

तुम मेरी ज़िन्दगी का वो इकलौता सच हो,   जिसके बारे में मैंने दुनिया के हर सख्श से झूठ कहा है.....

अपनी ही कलम से पंकज झां

जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना.... . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . कि प्लेटफोर्म पर पटरी की ओर झुक कर देखने से ट्रेन जल्दी नही आती है...