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Showing posts from 2016

मैं भी अब अक्सर काफी पी लेता हूँ

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उ से आईलाइनर पसंद था, मुझे काजल। वो फ्रेंच टोस्ट और कॉफी पे मरती थी, और मैं अदरक की चाय पे। उसे नाइट क्लब पसंद थे, मुझे रात की शांत सड़कें। उसे शांत लोग म रे हुए लगते थे। मुझे शांत रहकर उसे सुनना पसंद था। राइटर बोरिंग लगते थे उसे , पर मुझे मिनटों देखा करती जब मैं लिखता। वो न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर, इस्तांबुल के ग्रैंड बाजार में शॉपिंग के सपने देखती थी, मैं असम चाय के बागानों में खोना चाहता था। मसूरी के लाल डिब्बे में बैठकर सूरज डूबना देखना चाहता था। उसकी बातों में महँगे शहर थे, और मेरा तो पूरा शहर ही वो थी। न मैं ने उसे बदलना चाहा न उसने मुझे। एक अरसा हुआ दोनों को रिश्ते से आगे बढ़े। कुछ दिन पहले उनके साथ रहने वाली एक दोस्त से पता चला, वो अब शांत रहने लगी है, लिखने भी लगी है, मसूरी भी घूम आई, लाल डिब्बे पर अँधेरे तक बैठी रही। आधी रात को अचानक से उनका मन अब चाय पीने को करता है। और मैं...... मैं भी अब अक्सर कॉफी पी लेता हूँ किसी महँगी जगह बैठकर।                                                                                                           

★Ramdan Special★

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सुरज क्या ढला उन्होंने रख दिये मेरे होठो पर होंठ इश्क का रोजा था और गज़ब की इफ्तारी थी..... !! #Ramdan_Mubarak (17*jun*2K16*Fri*06*07pm)

★महारानी लक्ष्मीबाई-(झाँसी की रानी)★

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शीर्षक: महारानी लक्ष्मीबाई (झाँसी की रानी) उपनाम :मणिकर्णिका, मनु जन्मस्थल :वाराणसी, उत्तर प्रदेश मृत्युस्थल :ग्वालियर, मध्य प्रदेश आन्दोलन :भारतीय स्वतंत्रता संग्राम जन्म : 19 नवम्बर 1835 मृत्यु : 17 जून 1858 ____________________________ __________ मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से संग्राम किया और रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की किन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपनी झाँसी पर कब्जा नहीं करने दिया। ______________________________________                                         ★संक्षिप्त जीवनी★ लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी जिले के भदैनी नामक नगर में 19 नवम्बर 1835 को हुआ था। इनके बचपन का नाम म णिकर्णिका था लेकिन प्यार से उसे म नू कहा जाता था। मनु की माँ का नाम भागी रथी बाई तथा पिता का नाम मोरो पंत तांबे था। मोरोपन्त एक मराठी थे और मराठा बाजीराव की सेवा में थे। माता भागीरथीबाई एक सुसंस्कृत, बुद्धिमान एवं धार्मिक महिला थीं। मनु जब चार वर्ष की थी तब उनकी माँ

हीन भावना विकसित हुई है।

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सदियों से स्त्रियों के प्रति पुरुषों की हीनभावना के कारण स्त्रियों के मन में भी स्त्रियों के प्रति हीन भावना विकसित हुई है।

गृहणी परिवार की एक धुरी है

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गृहणी परिवार की एक धुरी है जिसके चारों ओर परिवार की व्यवस्था ,उसकी संपन्नता तथा बच्चों के संस्कार घूमते तथा बनते और बिगड़ते हैं।

★सुख और उसकी संपन्नता★

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किसी परिवार के सुख और उसकी संपन्नता धन पर नहीं उस परिवार के कुशल सञ्चालन पर निर्भर करते हैं।

लेडीज को तैयार होने में ज्यादा वक़्त लगता है.

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हाँ तो हुआ ये की शादी में जाना था और दो सौ कपड़ो को उठा पटक के भी सही जोड़ा हाथ नही लग रहा था जिसे पहन कर different लगा जा सके। एक घंटे बाद तिलमिलाए पतिदेव ऊपरी नरम भाव से बोले "कुछ भी पहन लो यार सभी में अच्छी लगती हो !" "हुह्ह्, आप तो युहीं बोलते हो जी, अब देखो न ये लाल साडी पहले भी उन्ही के एक फंक्शन में पहन चुकी हूँ। वो देखते ही नही सोचेंगे की एक ही साड़ी है मेरे पास !! और से हरा सूट इतना अच्छा नही लग रहा। जमुनी साड़ी पहन लेती पर इसका ब्लाउज नहीं मिल रहा । "ऐसा करो वो पीली काली साड़ी पहन लो " हाथ का इशारा करते हुए पतिदेव बोले। "छी! शादी में सूती साड़ी थोड़ी न पहनते है " "ओहो बाबा फिर तुम ही decide करो, और जल्दी करो प्लीज " कहकर बाहर की ओर निकल जाते है । मैं फिर उहापोह में "हम्म, संतरी, हरी नीली या लाल ? ये हरा सूट ही ठीक रहेगा । म्म्म .... नहीं नीला अनारकली !! यही ठीक है। जल्दी जल्दी नीला अनारकली सूट पहना । पर अरे यार इससे matching झुमके कहाँ रख दिए !  साहब बाहर से चिल्लाये " तैयार हुई या नहीं !" मिल गए मिल गए झूमके फटा

जब घमंड और पेट बढ़ने लगता ह।

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जब घमंड औ र पे ट बढ़ने लगता ह। तो इंसान चाहकर भी किसी को गले नही लगा सकता। 😪😪

नर हैं नारियां हैं कहाँ इंसान हैं?

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नर हैं नारियां हैं कहाँ इंसान हैं? भाग्य है दुर्भाग्य है और शैतान हैं!....

गलतफहमियों का मतलब ही होता है

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गलतफहमियों का मतलब ही होता है इसमें स च्चाई का न होना।

Only the voice of the relationship. Today he met voice

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Today's dreams were fulfilled. Was waiting for many years. Meet today or tomorrow, the day finally arrived and met the expectations of our dreams. :-) :-) (y) Once again my thanks to the whole team... आज सपने पूरे हुए। बहुत सालों से इंतज़ार कर रहा था। आज मिले या कल आखिर आज का दिन आ ही गया और मिल गये हम अपने सपनो की उम्मीदों से :-) :-) ह्रदय से धन्यवाद आप हमारे शहर में पधारे... पूरी टीम को मेरा एक बार फिर से धन्यवाद... (20-Mar-2016--7-10pm) Photo Captured-- 10:10 pm

मानसिकता का द्योतक है।

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सम्बन्ध बनाकर बिना कोई कारण अचानक सम्बन्ध विच्छेद सम्बन्ध तोड़ने वाले की संकीर्ण मानसिकता का द्योतक है। Dedicated To Sayra ji

हिन्दू हूँ पर यकीं करो मैं मुसलमान हो जाऊंगा...!!

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अरे मुहम्मद साहब मेरे नबी कहाँ हो कुछ बोलो, जन्नत में बैठे हुसैन कुछ बात करो कुछ मुहं खोलो, लाशें, घायल बदन, खून के कतरे, मंज़र देखो जी, मासूमों के बस्तों पर जेहादी खंज़र देखो जी, नहीं सुनाई दिया तुम्हें क्या नन्हे कासिम का रोना? नहीं दिखाई दिया तुम्हें क्या, खून सना कोना कोना? जली किताबें, टूटे टिफिन, कलम के टुकड़े नहीं दिखे? फटी हुई ड्रेसें, कपडे जूतों के चिथड़े नहीं दिखे? नहीं दिखे क्या क्लासरूम के टूटे रोशनदान तुम्हें? नहीं दिखे क्या उजड़े बचपन,नौनिहाल नादान तुम्हें? देखो तेरे ही बन्दों ने खूब काम अंजाम दिया, खून बहाया बच्चों का फिर नाम इसे इस्लाम दिया, ये टोपी दाढ़ी वाले हैं, हाफ़िज़ भी हैं हाजी भी, बारूदों का इल्म बांटते मुल्ला भी हैं काजी भी, या अल्लाह बता क्या तूने ऐसा ही पैगाम दिया? दुनिया को क्या ऐसा ही मज़हब ऐसा इस्लाम दिया? कोई भी आयत दहशत का राग नही हो सकती है, और शरीयत वहशीपन का दाग नही हो सकती है, हरगिज़ नही, नहीं हरगिज़, ये काम नही हो सकता है, मासूमो का क़त्ल करे इस्लाम नही हो सकता है, मुझे फ़िक्र बस इतनी है कब आंख मुसलमाँ खोलेंगे, कब सड़कों पर आकर दहशत के खिलाफ

बुद्धि से पता लगता है...!!

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पढाई से हमको पता लगता है कि टमाटर एक फल है मगर बुद्धि से पता लगता है कि टमाटर को फ्रूट सलाद में नहीं डाला जाता (अपनी ही कलम से पंकज)

एक बात हमेशा याद रखना....!!

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जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना.... . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . कि प्लेटफोर्म पर पटरी की ओर झुक कर देखने से ट्रेन जल्दी नही आती है... (अपनी ही कलम से पंकज)

क्या लॉजिक है ?

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कोई मुझे समझाए कि मुर्दों को याद करने के लिए मोमबत्ती जलाते हैं और जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाते हैं इसके पीछे क्या लॉजिक है ?

लड़की अपने भाई का तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रही थी!!

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पति और पत्नी दोनों कोख में पल रहे बच्चे के लिंग को लेकर काफी चिंतित थे। इस बार वे किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे। डॉक्टरी जांच के बाद पाया गया कि कोख में दो जुड़वा बच्चे हैं। एक लड़का और दूसरी लड़की। उन्होंने भगवान को याद किया और आभार प्रकट किया। उधर, लड़की अपने भाई का तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रही थी जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। अपनी ही कलम से (2014 की डायरी से)

जो करना न था....!! :'(

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आज तो वो भी कर दिया....!! जो कभी करना न था.....!! ||°05-02-2016°||°11:53am°|| पर क्या करे मजबूर कर दिया... "किसी अपने ने..." पर बच्ची v.d तुम वो म त करना जिससे मेरी "यादें" जुडी ह।......

*चाहत दिल में तेरी ले के तेरे लायक न बन सका*

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शिकायत तुझसे नही शिकायत खुद से है, [vc*dc] चाहत दिल में तेरी ले के तेरे लायक न बन सका।

मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..!!

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लिखता हूं सच्ची बातें, बेशक जमाने भर में मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..!

★वो भी किसी की बेटी है।★

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पिता बेटी के सर पर हाथ रख कर बोला- मैं तेरे लिए ऐसा पति खोज कर लाऊंगा जो तुझे बहुत प्यार करे, तेरी भवनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके, तेरी आँखो में आँसू न आने दे, तेरी हर छोटी छोटी ख्वाइशों को पूरा कर सके। बेटी ने पूछा : क्यो पापा? पिता बोला : बेटा हर बाप का सपना होता है की उसकी बेटी को राजकुमार जैसा पति मिले जो उसे बहुत प्यार दे और उसे हमेशा सुखी रखे। बेटी :-तो पापा नाना जी ने भी आपको मम्मी का हाथ यही सोचकर दिया होगा न की आप भी राजकुमार हो। फिर आप मम्मी को हमेशा क्यो रुलाते हो?, कही बाहर भी नही लेजाते और प्यार भी नही करते और हमेशा चिल्लाते रहते हो तो क्या आप अच्छे वाले राजकुमार नही निकले? ये सुन पिता को एहसास हुआ की मुझे भी किसी ने राजकुमार समझ कर अपने कलेजे का टुकड़ा दिया और मैं खुदतो राजकुमार बना रहा पर अपनी पत्नी को कभी राजकुमारी नही समझा। आज खुद बाप बंनने के बाद एह्सास हुआ की अपने दिल के टुकड़े को सही हाथ मे नही सौपा तो उसके दिल के टुकड़े हो जायेगे जो कोई भी बाप नही सहेगा। इसलिए जैसा आप अपनी बेटी के लिए सोचते है वैसा ही अपनी

आवाज़ करके रोना तो मुझे आज भी नहीं आता...

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Spe cial Dedicated to * vini* देख लो अपनों के नफरतो के सितम, ना तेल है ना बाती , फिर भी जल हु। आज़माते हैं लोग सब्र मेरा …..! बार-बार कर के जिक्र तेरा…..!! चलो सो जाते है अब किसी सच क़ी तलाश मे , रही साँसे तो सुबह फिर इस झूठी दुनिया का दीदार करना है.. सादगी अगर हो लफ्जों में, यकीन मानो, इज्जत 'बेपनाह', और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं. "जस्ट लाइक यू vc*dc उसके लब और फिर वफ़ा की कसम क्या झूठी कसम थी .....खुदा की कसम बड़ा ही खमोश सा अँदाज है तुम्हारा समझ नही आता फिदा हो जाऊँ या फनाह हो जाऊँ..!! तुम तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी ये मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाऐ लिखता हूं सच्ची बातें, बेशक जमाने भर में मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..! लफ़्ज़ सारे फीके से थे मेरे… शायरी तो दरअसल, तेरी उन आँखों में थी. (४-फोटो में).... सोचा [vc*dc.] तेरे से बात ना करूँ फिर सोचा तुम तुम्हारा ग़ुस्सा किस पर उतारोगे। यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई, हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई, मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन, तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई. कमी नहीं है [vc

शायरी शॊक नहीं

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शायरी शॊक नहीं, और नाही कारोबार मेरा, बस दर्द जब सह नहीं पाता,तो लिख लेता हूँ… #v!n!43v3r

आप आत्महत्या मत करो।

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मालिक हम बहुत मेहनत करेंगे खेत में। आप आत्महत्या मत करो।