☆Pankaj♡Sohail☆
☆Pankaj♡Sohail☆
☆अपनी ही कलम से पंकज झां☆नमस्कार दोस्तों...
आपसे किया वादा पूरा करने जा रहा हू।।
हाँ, सही तो कहा था।। पापा*मम्मी ने की अपने ही शहर के कॉलेज में दाखिला ले लो..
पर मै तो दूसरी सिटी यानी बाहर किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहता था...
हमारी सिटी के कॉलेज भी अच्छे ह।
मेरा मतलब मेरा बचपन से शौक रहा की 12वी. के बाद सोचा था। अपनी आगे की सारी पढाई बाहर रह कर करेगे..
शायद मेरे हिसाब से आप लोगो का भी शौक रहा होगा
. और अभी कइयो का ह...
पर माँ*बाप अपनी औलाद के लिए कभी बुरा नही सोचते...
तो मुझे भी लगा की चलिए बाहर होस्टल या रेन्ट से रूम लेकर अकेले रहना पड़ेगा... तो इससे अच्छा यही ह। कि अपने ही शहर के लगभग 15-20 कि.म़ी दूर कॉलेज में दाखिला ले लिया जाय...
अभी तो हाल ही के 12वी. PCM 73% के साथ प्रथम क्षेणी पास करके आया था.
दाखिला हो चूका था...
आज कॉलेज का पहला दिन था। मुझे अपने B.tech (ME) Department के अलावा कुछ जानकारी नही थी।
बस से उतरते ही मन में कई सवाल चल रहे थे?
बैसे फ़िक्र तो किसी बात की थी नही बस यही सोच रहा था। कि आज पता नही क्या होगा...
कॉलेज बड़ा था। तो मेरा डिपार्टमेंट कॉलेज के आखिरी छोड से दूसरी बिल्डिंग थी।
पैदल चलते चलते कई बच्चे आ रहे थे कई यहाँ से वहां जा रहे थे।।
मै जैसे जैसे अपने इंजीनियरिंग मैकेनिकल डिपार्टमेंट पहुचा...
वही एक सर फ़ोन पर बात पूरी करते हुए...बोल रहे थे। ओके ओके आपका कल तक में काम करवा दुगा..
जैसे ही फ़ोन रखा...मै सर के समाने खड़ा था...
मैंने सर से कहा: Excuse Me sir...
बी.टेक फर्स्ट ईयर क्लास कहा लगी हुई ह।
ऊपर थर्ड फिलोर पर राईट से सेकंड लास्ट ह..
थैंकयू कहते हुए... मै पहुचा...
क्लास लग चुकी थी...।।
क्लास के गेट पर पहुचते ही सर आने का इशारा करते हुए...कुछ इंजीनियरिंग के बारे बतला रहे थे।
मै जा के आगे से ४ नंबर की सीट पर बैठा।।
मेरी सीट पर एक लडकी बैठी हुई थी...
मै कुछ देर बैठा रहा... सर ने इंट्रो लेना शुरू किया.
बारी बारी से सब ने अपना परिचय दिया...
मेरा भी नंबर आया मैंने अपना परिचय बताया ...
उसके बाद मेरे बगल में बैठी लडकी ने अपना नाम, सिटी, और 12वी. कक्षा का प्रतिशत% बताया...
इस प्रकार इंट्रो पूरा हुआ...
तो कुछ समय बाद सर के जाते ही मैंने उस लडकी से कहा: Hiii...Shivani
क्योंकि नाम तो मैंने इंट्रो देते समय सुन ही लिया था।
लडकी थोडा सहमे से: Your self?
(शायद मेरे नाम पर इंट्रो के समय ध्यान नही दिया होगा)
मैंने कहा: Hiii...my Self Pankaj
ऐसे ही अगले 20 से 25मिनट में क्लास छुट गयी
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दोस्तों यहाँ अब शिवानी की बात नही कर पाउगा...
क्योंकि कहानी बड़ी*लम्बी हो जायगी...
और जो इस कहानी का मुख्य भाग जो था वो मेरे ज़िन्दगी का करीबी भाई या दोस्त भी कह सकते ह...
उसके ऊपर लिखना था।
आप सभी को नाम बता देता हू...!!
कहानी का मुख्य भाग नीचे दिया गया ह।।
[ मोहम्मद सोहेल खान ]
ये नाम दोस्तों रियल नाम ह।।
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क्लास छुटते ही सभी स्टूडेंट्स बाहर आने लगे...
बाहर आते ही... सभी स्टूडेंट एक दूसरे से बाते कर रहे थे...
मुझे कॉलेज का पहला दिन बहुत ही अच्छा लगा...
अगले दिन फिर कॉलेज गया...।।
ऐसे ही लगभग 10 - 15 दिन हो गये...
मेरा रोज प्राइवेट बस (कॉलेज की नही) से आना जाना लगा रहता था।
ऐसे ही तकरीबन 17 या 18वे दिन बस में कॉलेज से घर आते समय....
एक दिन मेरी ही ड्रेस में बस में मेरे ही बाजू में एक लड़का खड़ा हुआ था...
शायद वो वही लड़का था जो मैंने पहली बार (वर्कशॉप-फिटिंगशॉप) कार्य करते समय देखा था?
मैंने ही पूछा: भाई आप का नाम?
लड़का: मोहम्मद सोहेल खान...
बस अपनी रफ़्तार तेजी से पकड़ रही थी...
हम*सोहेल और अन्य लडके बस में खड़े हुए थे?
बस पूरी तरह भरी हुई थी...
सोहेल ने मुझसे पूछा: भाई आप कहा रहते हो?
मैंने झट से जबाब दिया: सिविल लाइन पर रहते ह और आप?
सोहेल: मै यही रेलवे स्टेशन के पास रहता हू...
ऐसे ही बातें होती रही..
और आज हम बहुत ही करीबी मित्र*भाई ह ।
सुबह से शाम तक कॉलेज में साथ रहना और शहर के बस स्टॉप पर अब तो रोजाना फ़ेमस चाय वाले की साथ में बैठ कर चाय के इस मौसम में चुसकिया लेना...
और फिर अपने अपने घर के लिए रवाना हो जाते?
अगले दिन फिर वही रूटीन...
अब तो (ये और वो*** और न जाने वो क्या क्या)
[नशे वाला बिस्कुट खाते]
भी सिखा दिया मेरे सोहेल भाई ने...
इंशा अल्लहा... अपना खियाल रखना सोहेल भाई...
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