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Showing posts from April, 2016

गृहणी परिवार की एक धुरी है

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गृहणी परिवार की एक धुरी है जिसके चारों ओर परिवार की व्यवस्था ,उसकी संपन्नता तथा बच्चों के संस्कार घूमते तथा बनते और बिगड़ते हैं।

★सुख और उसकी संपन्नता★

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किसी परिवार के सुख और उसकी संपन्नता धन पर नहीं उस परिवार के कुशल सञ्चालन पर निर्भर करते हैं।

लेडीज को तैयार होने में ज्यादा वक़्त लगता है.

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हाँ तो हुआ ये की शादी में जाना था और दो सौ कपड़ो को उठा पटक के भी सही जोड़ा हाथ नही लग रहा था जिसे पहन कर different लगा जा सके। एक घंटे बाद तिलमिलाए पतिदेव ऊपरी नरम भाव से बोले "कुछ भी पहन लो यार सभी में अच्छी लगती हो !" "हुह्ह्, आप तो युहीं बोलते हो जी, अब देखो न ये लाल साडी पहले भी उन्ही के एक फंक्शन में पहन चुकी हूँ। वो देखते ही नही सोचेंगे की एक ही साड़ी है मेरे पास !! और से हरा सूट इतना अच्छा नही लग रहा। जमुनी साड़ी पहन लेती पर इसका ब्लाउज नहीं मिल रहा । "ऐसा करो वो पीली काली साड़ी पहन लो " हाथ का इशारा करते हुए पतिदेव बोले। "छी! शादी में सूती साड़ी थोड़ी न पहनते है " "ओहो बाबा फिर तुम ही decide करो, और जल्दी करो प्लीज " कहकर बाहर की ओर निकल जाते है । मैं फिर उहापोह में "हम्म, संतरी, हरी नीली या लाल ? ये हरा सूट ही ठीक रहेगा । म्म्म .... नहीं नीला अनारकली !! यही ठीक है। जल्दी जल्दी नीला अनारकली सूट पहना । पर अरे यार इससे matching झुमके कहाँ रख दिए !  साहब बाहर से चिल्लाये " तैयार हुई या नहीं !" मिल गए मिल गए झूमके फटा

जब घमंड और पेट बढ़ने लगता ह।

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जब घमंड औ र पे ट बढ़ने लगता ह। तो इंसान चाहकर भी किसी को गले नही लगा सकता। 😪😪

नर हैं नारियां हैं कहाँ इंसान हैं?

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नर हैं नारियां हैं कहाँ इंसान हैं? भाग्य है दुर्भाग्य है और शैतान हैं!....

गलतफहमियों का मतलब ही होता है

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गलतफहमियों का मतलब ही होता है इसमें स च्चाई का न होना।