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Showing posts from February, 2016

हिन्दू हूँ पर यकीं करो मैं मुसलमान हो जाऊंगा...!!

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अरे मुहम्मद साहब मेरे नबी कहाँ हो कुछ बोलो, जन्नत में बैठे हुसैन कुछ बात करो कुछ मुहं खोलो, लाशें, घायल बदन, खून के कतरे, मंज़र देखो जी, मासूमों के बस्तों पर जेहादी खंज़र देखो जी, नहीं सुनाई दिया तुम्हें क्या नन्हे कासिम का रोना? नहीं दिखाई दिया तुम्हें क्या, खून सना कोना कोना? जली किताबें, टूटे टिफिन, कलम के टुकड़े नहीं दिखे? फटी हुई ड्रेसें, कपडे जूतों के चिथड़े नहीं दिखे? नहीं दिखे क्या क्लासरूम के टूटे रोशनदान तुम्हें? नहीं दिखे क्या उजड़े बचपन,नौनिहाल नादान तुम्हें? देखो तेरे ही बन्दों ने खूब काम अंजाम दिया, खून बहाया बच्चों का फिर नाम इसे इस्लाम दिया, ये टोपी दाढ़ी वाले हैं, हाफ़िज़ भी हैं हाजी भी, बारूदों का इल्म बांटते मुल्ला भी हैं काजी भी, या अल्लाह बता क्या तूने ऐसा ही पैगाम दिया? दुनिया को क्या ऐसा ही मज़हब ऐसा इस्लाम दिया? कोई भी आयत दहशत का राग नही हो सकती है, और शरीयत वहशीपन का दाग नही हो सकती है, हरगिज़ नही, नहीं हरगिज़, ये काम नही हो सकता है, मासूमो का क़त्ल करे इस्लाम नही हो सकता है, मुझे फ़िक्र बस इतनी है कब आंख मुसलमाँ खोलेंगे, कब सड़कों पर आकर दहशत के खिलाफ

बुद्धि से पता लगता है...!!

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पढाई से हमको पता लगता है कि टमाटर एक फल है मगर बुद्धि से पता लगता है कि टमाटर को फ्रूट सलाद में नहीं डाला जाता (अपनी ही कलम से पंकज)

एक बात हमेशा याद रखना....!!

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जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना.... . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . कि प्लेटफोर्म पर पटरी की ओर झुक कर देखने से ट्रेन जल्दी नही आती है... (अपनी ही कलम से पंकज)

क्या लॉजिक है ?

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कोई मुझे समझाए कि मुर्दों को याद करने के लिए मोमबत्ती जलाते हैं और जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाते हैं इसके पीछे क्या लॉजिक है ?

लड़की अपने भाई का तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रही थी!!

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पति और पत्नी दोनों कोख में पल रहे बच्चे के लिंग को लेकर काफी चिंतित थे। इस बार वे किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे। डॉक्टरी जांच के बाद पाया गया कि कोख में दो जुड़वा बच्चे हैं। एक लड़का और दूसरी लड़की। उन्होंने भगवान को याद किया और आभार प्रकट किया। उधर, लड़की अपने भाई का तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रही थी जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। अपनी ही कलम से (2014 की डायरी से)

जो करना न था....!! :'(

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आज तो वो भी कर दिया....!! जो कभी करना न था.....!! ||°05-02-2016°||°11:53am°|| पर क्या करे मजबूर कर दिया... "किसी अपने ने..." पर बच्ची v.d तुम वो म त करना जिससे मेरी "यादें" जुडी ह।......

*चाहत दिल में तेरी ले के तेरे लायक न बन सका*

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शिकायत तुझसे नही शिकायत खुद से है, [vc*dc] चाहत दिल में तेरी ले के तेरे लायक न बन सका।

मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..!!

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लिखता हूं सच्ची बातें, बेशक जमाने भर में मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..!

★वो भी किसी की बेटी है।★

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पिता बेटी के सर पर हाथ रख कर बोला- मैं तेरे लिए ऐसा पति खोज कर लाऊंगा जो तुझे बहुत प्यार करे, तेरी भवनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके, तेरी आँखो में आँसू न आने दे, तेरी हर छोटी छोटी ख्वाइशों को पूरा कर सके। बेटी ने पूछा : क्यो पापा? पिता बोला : बेटा हर बाप का सपना होता है की उसकी बेटी को राजकुमार जैसा पति मिले जो उसे बहुत प्यार दे और उसे हमेशा सुखी रखे। बेटी :-तो पापा नाना जी ने भी आपको मम्मी का हाथ यही सोचकर दिया होगा न की आप भी राजकुमार हो। फिर आप मम्मी को हमेशा क्यो रुलाते हो?, कही बाहर भी नही लेजाते और प्यार भी नही करते और हमेशा चिल्लाते रहते हो तो क्या आप अच्छे वाले राजकुमार नही निकले? ये सुन पिता को एहसास हुआ की मुझे भी किसी ने राजकुमार समझ कर अपने कलेजे का टुकड़ा दिया और मैं खुदतो राजकुमार बना रहा पर अपनी पत्नी को कभी राजकुमारी नही समझा। आज खुद बाप बंनने के बाद एह्सास हुआ की अपने दिल के टुकड़े को सही हाथ मे नही सौपा तो उसके दिल के टुकड़े हो जायेगे जो कोई भी बाप नही सहेगा। इसलिए जैसा आप अपनी बेटी के लिए सोचते है वैसा ही अपनी