बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..!
" जल " गया धू - धू करके रावण भी कल रात...
शायद उसने भी उसे मेरे साथ देख लिया...
।
।
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बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..!
।
।
।
"माना की बहुत कीमती है वक्त तेरा मगर ऐ दोस्त
हम भी "नवाब" है बार-बार नही मिलेगे..!!
।
।
।
कितना नादान है ये दिल,कैसे समझाऊँ की
जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता....
।
।
।
तू मुझे अपना बना या ना बना तेरी मर्जी...!
तू जमाने में 'बदनाम' तो मेरे नाम से है...!!
।
।
।
अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो,
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते
है…
।
।
।
जब लगा था "तीर" तब इतना दर्द न
हुआ...
"दोस्त"
जख्म का एहसास तब
हुआ जब "कमान" देखी अपनों के
हाथो में..!!
।
।
।
आखिर थक हार के लौट आया मैं...बाज़ार से...!
जब तेरी यादों को बंद करने के ताले नही मिले...!!
।
।
।
बदनामी का डर तो उसे होता है...जिसमे नाम कमाने की हिम्मत नही होती...
ये अब शायद किसी का न हो पाय...
जिसका होना था..उसने निभाया ही ये साथ..××
शायद उसने भी उसे मेरे साथ देख लिया...
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बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..!
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"माना की बहुत कीमती है वक्त तेरा मगर ऐ दोस्त
हम भी "नवाब" है बार-बार नही मिलेगे..!!
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कितना नादान है ये दिल,कैसे समझाऊँ की
जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता....
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तू मुझे अपना बना या ना बना तेरी मर्जी...!
तू जमाने में 'बदनाम' तो मेरे नाम से है...!!
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अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो,
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते
है…
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जब लगा था "तीर" तब इतना दर्द न
हुआ...
"दोस्त"
जख्म का एहसास तब
हुआ जब "कमान" देखी अपनों के
हाथो में..!!
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आखिर थक हार के लौट आया मैं...बाज़ार से...!
जब तेरी यादों को बंद करने के ताले नही मिले...!!
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बदनामी का डर तो उसे होता है...जिसमे नाम कमाने की हिम्मत नही होती...
ये अब शायद किसी का न हो पाय...
जिसका होना था..उसने निभाया ही ये साथ..××
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