आवाज़ करके रोना तो मुझे आज भी नहीं आता...
Special Dedicated to *vini*
देख लो अपनों के नफरतो के सितम,
ना तेल है ना बाती , फिर भी जल हु।
आज़माते हैं लोग सब्र मेरा …..!
बार-बार कर के जिक्र तेरा…..!!
चलो सो जाते है अब किसी सच क़ी तलाश मे ,
रही साँसे तो सुबह फिर इस झूठी दुनिया का दीदार करना है..
सादगी अगर हो लफ्जों में, यकीन मानो,
इज्जत 'बेपनाह', और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं.
"जस्ट लाइक यू vc*dc
उसके लब और फिर वफ़ा की कसम
क्या झूठी कसम थी .....खुदा की कसम
बड़ा ही खमोश सा अँदाज है तुम्हारा
समझ नही आता फिदा हो जाऊँ
या
फनाह हो जाऊँ..!!
तुम तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी
ये मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाऐ
लिखता हूं सच्ची बातें, बेशक जमाने भर में
मुझसे झूठा कोई इंसान ना हो..!
लफ़्ज़ सारे फीके से थे मेरे…
शायरी तो दरअसल, तेरी उन आँखों में थी. (४-फोटो में)....
सोचा [vc*dc.] तेरे से बात ना करूँ
फिर सोचा तुम तुम्हारा ग़ुस्सा किस पर उतारोगे।
यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई,
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई,
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन,
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई.
कमी नहीं है [vc*dc.] मेरे पास दोस्तों की
पर कुछ वक़्त अकेले रहना अच्छा लगता है
जिन के "चेहरे" चाँद जैसे होते ह।
भाई
उनके "दिलों" में भी 'दाग' होते हैं
जो अंदर से मर जाते हैं ना...
वही दूसरों को जीना सिखाता हैं.
एक उम्र बीत चली है तुझे चाहते हुए,
[vc*dc]
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
एक सा मिसाज मत रखना मेरे दोस्त
यहाँ तो मौसम भी बदल जाते है
तो
इंसान क्या बड़ी चीज है।
काश तू सुन पाती खामोश सिसकियां मेरी...
[vc*dc]
आवाज़ करके रोना तो मुझे आज भी नहीं आता....
दो लफ्ज लिखे जो [vc*dc.]तेरी याद मेँ..!!!
सब कहने लगे तू आशिक बहुत पुराना है।
मर जाउगा मैं एक दिन पूरी तरह,
[vc*dc]
तेरे लिए ना सही....
पर तेरी वजह से यक़ीनन.
शिकायत तुझसे नही शिकायत खुद से है,
[vc*dc]
चाहत दिल में तेरी ले के तेरे लायक न बन सका।
वजह कुछ नहीं थी. रूठने की।
बस तुम थक गये थे मेरे प्यार
को निभाते निभाते
पर मैं ना थका तुझे मनाते मनाते......
तू मिले या ना मिले, ये मेरे मुकद्दर की बात है,
सुकून बहुत मिलता है, तुझे अपना सोचकर.
क्या कहें कितना मुश्किल है
भाई जिन्दगी में.
अपने प्यार को
अपना बनाना।
आज बच्ची...
न असर दुआ ने किया
न आंसू बहा कर कुछ मिला
[vc*dc]
तुझे माँग माँग कर थक गए।
मेरे होठ भी मेरे हाथ भी....
जब भी मेरी तन्हाई कोई आह... भरती है....!!
पता नहीं ये दुनिया क्यूं, वाह-वाह करती है..............
----------*paπkaj*----------
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